द गर्ल इन रूम 105
'नाइस फ़ोन में देखने की कोशिश कर रहा हूं कि इसमें कितने जीबी का स्टोरेज है।' 'सीरियसली? काम पर फोकस करो, गोलू ।' 'सॉरी ओके, अगली पोस्ट 3 अप्रैल 2017 की है। सनराइज़ की एक फ़ोटो, एक हाउसबोट की खिड़की से
ली गई। हैशटैग है— गोइंग विद द फ्लो ।' 'स्ट्रेंज। उसके बाद?'
"उसके बाद छह महीने तक कोई पोस्ट नहीं। आखिरकार, नवंबर 2017 की एक पोस्ट, जिसमें एक कोट की तस्वीर है- सम मेमरीज़ लास्ट फ़रिवरा 'जारा और कोट्स को लेकर उसका प्यार। इसके बाद?"
न्यू ईयर्स ईव, 2017। उसने काली साड़ी पहन रखी है। ओह, इसी दिन तो तुमने चंदन के टैरेस से उसे फोन
लगाया था। तुम्हें वो ड्रामा याद है?"
'हां, बदनसीबी से याद है। इसके बाद?" कुछ भी नहीं। इसके बाद उसकी आखरी
सौरभ ने मेरा फोन लौटाया और उबासी ली।
"रात के दो बज रहे हैं?"
पोस्ट हैं, हाथ में पलस्तर चढ़ाए रघु की तस्वीर।'
'हमें शौकत से ईयररिंग्स को लेकर फिर बात करनी होगी।'
'लेकिन अभी तो सो जाओ, शरलॉक साहब। अब यह जागने पर करेंगे।"
"यह वही है, मैंने कहा। मैंने फ़ोन को डायनिंग टेबल पर रखा हुआ था, ताकि सौरभ उसे देख सके।
'वही ब्लॉग वाला आर्मी अफ़सर?' 'हां, फ़ैज़ा इसी ने वो ईयररिंग्स खरीदी थीं।'
मैंने सौरभ को मोहसिन से हुई अपनी चैट दिखाई। मैंने मोहसिन को व्हॉट्सएप्प पर फ़ैज़ की तस्वीर भेजी थी, और मोहसिन ने कहा था कि यह वही है।
"वाऊ, लेकिन ज़ारा का स्कूल सीनियर उसके लिए इतनी महंगी ईयररिंग्स क्यों खरीद रहा है?
'साथ ही जारा के मंगेतर को इस बारे में कुछ भी मालूम क्यों नहीं है?" मैंने कहा।
सौरभ और मैंने एक-दूसरे को कंफ्यूज्ड नज़रों से देखा कि अब क्या करें। 'चलो, फ़ैज़ से मिलते हैं, ' मैंने कहा।
"कैसे?" 'मैं सफ़दर से बात करता हूं। उनके पास जरूर फ़ैज़ का नंबर होगा, मैंने कहा ।
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